येरूशलम, जीजस और मोदी का श्रीराम कनेक्शन

डाॅ. आशीष कुमार सिंह मैसी 
’’मैसी भईया’’


अचानक येरूशलम एक बार फिर अंर्तराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया है। डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी सरकार ने ऐतिहासिक राजधानी येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देते ही अरब देशों में भूकंप सा आ गया है। जगह-जगह अमेरिकी झंडे व टंªप के पुतले फूंके जा रहे हैं।

लेकिन ट्रंप प्रशासन ने अडिग रहते हुये बिना किसी ढील-ढाल के अपने इस ऐतिहासिक निर्णय को क्रियान्वित कर दिया है। ज्ञात रहे कि अमेरिकी चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के हिंदू कनेक्शन (हिंदू सेवक संघ) काफी चर्चा में रहा था। टंªप की जीत ने जहां भारत अमेरिकी सम्बंधो को एक अलग प्रगाढ़ता प्रदान की। आज इस्लामिक कट्टरवाद और आतंकवाद के विरूद्ध ट्रंप को भारत पक्ष में खड़ा पाया जाता है। यह मोदी सरकार की विदेश नीति की महान सफलता कही जायेगी।

इसलिये आज भारत और इजरायल के सम्बंध भी सबसे करीबी और बेहतर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होने इजरायल की यात्रा की और इजरायल के साथ प्रगाढ़ सम्बंध बनाने की जो मुहिम शुरू की, उससे आतंकवाद को गहरा झटका मिला है। भारत को इजरायली आतंकवाद से लड़ने वाली तकनीक ही नहीं एवं उपकरण भी प्राप्त हुये अपितु गुरिल्ला युद्ध में किस प्रकार कम से कम मानवीय एवं सामरिक क्षति के दुश्मन को नियंत्रित किया जाये। यह विधा (रणनीति) भी इजरायली भारत के सम्बंधो के कारण प्राप्त हुई। कश्मीर में उसका सफल प्रयोग कर आतंकवाद को नियंत्रित करने में हमारी सेना सफल रही है।

शायद यही कारण है कि पिछले दशक में आतंकवादी दस्ते दिल्ली, मुम्बई सहित भारत के प्रमुख शहरों व संस्थानों को अपना निशाना बनाने में कामयाब रहते थे, आज वह कश्मीरी सीमा के अंदर तीन-चार जिलों की भौगोलिक सीमाओं में सीमित होकर रह गये हैं। इससे भारत को राहत मिली है। यह त्रिकोणीय गठजोड़ अमेरिका, इजरायल एवं भारत का जो विकसित हो रहा है। इसका कारक भी बेहद चैंकाने वाला है।

कहते हैं कि योग भगवान और इंसान को जोड़ता है और संयोग भगवान, इंसान और समाज व समकालीन परिस्थितियों में एकात्म भी स्थापित करता है और इसका सबसे बड़ा कारण जो सामने आकर चैंका रहा है, वह है, यहूदी-क्रिश्चियन के पूर्वजों की वंशावली।

राजा डेविड को इजरायल अपना पितामह और शासन का उद्भव मानता है तथा बाइबिल में उल्लेखित 66 पुस्तकों में उनकी भजन संहिता और श्रेष्ठ गीत अति महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। मसीहपंथ (क्रिश्चियन) के प्रवर्तक प्रभु यीशु मसीह का सम्बंध भी किंग डेविड की वंशावली से है। ऐसा नये नियम की मती रचित सुसमाचार की पुस्तक के प्रथम अध्याय के तीसरे पद, पृष्ठ संख्या 931 के0जी0वी0 श्रीराम के नाम उल्लिखित है। 

पुराने नियम की रूत की पुस्तक में जो राजा डेविड की वंशावली का उल्लेख है। उनके पूर्वजों में राम नाम का भी उल्लेख है। बाइबिल के पुराने नियम की एक अन्य पुस्तक एस्तर में छर्यश राजा के शासनकाल का वर्णन करते हुये भारतवर्ष का भी उल्लेख हुआ है तथा प्रभु यीशु के जन्म के समय ज्योतिषियों के आगमन की जो चर्चा आती है, उससे भी भारत का स्पष्ट उल्लेख है। क्या राजा डेविड (दाविद) राम के वंश के हैं ? यह तथ्य लोगों को चैंका सकता है लेकिन इसका स्पष्ट उल्लेख है। इससे पूर्व उत्पत्ति की पुस्तक में भी जब अब्राहम के पुत्र के विवाह उल्लेख का वृतांत पढते हैं तो वहां उसकी पत्नी के साथ देवी देवताओं की मूर्तियों का भी उल्लेख आया है। 

इससे स्पष्ट होता है कि सनातन परंपरा का रिश्ता इजरायल और मसीहपंथ के साथ एक पुराना एवं ऐतिहासिक है। पाश्र्व में सनातन धारा के श्रीराम का जुडाव अब वृहत्तर भारत से भी आगे अखिल ब्रह्माण्ड की परिकल्पना को साकार करने वाला दिखने लगा है। नया गठबंधन विश्व की राजनीति एवं कूटनीति को तो प्रभावित करेगा, साथ ही विश्व का सामरिक परिदृश्य भी खासा बदलेगा। 

कालजयी भारत की विश्व गुरू के रूप में अपनी पहचान इस नवीन वैश्विक कल्पना में और मजबूती से उभरेगी। फिलहाल यह प्रश्न भविष्य के गर्भ में अपने सही समय में परिपक्वता की प्रतीक्षा कर रहा है।

डाॅ. आशीष कुमार सिंह मैसी 
’’मैसी भईया’’
पूर्व अध्यक्ष, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, उ0प्र0 सरकार
राजनीतिक विश्लेषक एवं समसमायिक विषयों के जानकार
Mobile: +91 9456822222

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